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बसंत पंचमी 26 जनवरी को , जाने, पंचमी तिथि और मुहूर्त, इस दिन मांगलिक कार्य माना जाता है बेहद शुभ

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है।  माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विद्या, ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। बसंत पंचमी को बागीश्वरी जयंती और श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मांगलिक कार्य जैसे- मुंडन संस्कार, नई विद्या आरंभ करना, नया कार्य शुरू करना, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश आदि शुभ काम करना फलदायी होता है। इसके अलावा, विवाह के लिए भी इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है।इस साल बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी को मनाया जा रहा है।

*🔯बसंत पंचमी तिथि और मुहूर्त-:*

बसंत पंचमी तिथि-: 26 जनवरी 2023 गुरुवार को प्रात सूर्योदय से दोपहर 12: 33 तक रहेगी

अवधि: 5 घंटे 21 मिनट

*🔯शुभ योग में मनाई जाएगी बसंत पंचमी-:*
इस बार बसंत पंचमी पर शिव योग बन रहा है जिसे बेहद शुभ योग माना गया है। शिव योग को तंत्र या वामयोग भी कहते हैं। इस अवधि के दौरान भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-आराधना करना बेहद फलदायी माना जाता है। शुभ और मांगलिक कामों के लिए यह योग काफी अच्छा साबित होता है।

*शिव योग-:* प्रातः सूर्य उदय से शाम 3:28 तक शिव योग रहेगा।

बसंत पंचमी तिथि-: 26 जनवरी 2023 गुरुवार को प्रात सूर्योदय से दोपहर 12: 33 तक रहेगी

अवधि: 5 घंटे 21 मिनट

*🔯शुभ योग में मनाई जाएगी बसंत पंचमी-:*
इस बार बसंत पंचमी पर शिव योग बन रहा है जिसे बेहद शुभ योग माना गया है। शिव योग को तंत्र या वामयोग भी कहते हैं। इस अवधि के दौरान भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-आराधना करना बेहद फलदायी माना जाता है। शुभ और मांगलिक कामों के लिए यह योग काफी अच्छा साबित होता है।

*शिव योग-:* प्रातः सूर्य उदय से शाम 3:28 तक शिव योग रहेगा।

*🔯बसंत पंचमी पूजा विधि-:*

🔸बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान आदि करके पीले या सफेद रंग के कपड़े पहने। उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें।

🔸फिर, पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। लेकिन उससे पहले भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें क्योंकि गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और इसके बाद उनको फूल, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें।

🔸अब मां सरस्वती को गंगाजल व दूध से स्नान कराएं और फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं।

🔸इसके बाद देवी को पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप आदि अर्पित करें और मां शारदा को गेंदे के फूल की माला पहनाएं।

🔸इस दिन मां सरस्वती को बेसन के लड्डू या कोई भी पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

🔸अब सरस्वती वंदना व मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें। साथ ही, सरस्वती मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

🔸पूजा के अंत में हवन और आरती करें।

*🔯बसंत पंचमी पर इन बातों का रखें ध्यान-:*

🔸इस दिन संभव हो तो पीले वस्त्र पहने क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है।

🔸विद्यार्थियों को सरस्वती पूजा के दिन पुस्तकें, कलम, पेंसिल आदि की भी पूजा करनी चाहिए।

🔸बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को जरूर देखें। माना जाता है कि मां सरस्वती हमारी हथेलियों में वास करती हैं।

🔸बसंत पंचमी के दिन शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।

🔸इस दिन पेड़-पौधों की कटाई-छटाई भूलकर भी न करें।

🔸आज अपने माता-पिता व गुरुओं से आशीर्वाद जरूर ले।

*🔯बसंत पंचमी के दिन ज्योतिषीय उपाय-:*

आज बसंत पंचमी के श्रेष्ठ दिन पर आप ग्रह-नक्षत्र के उपाय करके उनकी अनुकूलता प्राप्त कर सकते हैं।
जैसे कि-:
👉आपके बच्चे उसकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है जिसकी वजह से बच्चे को पढ़ाई में दिक्कत आ रही है। तो आप सूक्ष्म अर्थात छोटा सा हवन करे व गायत्री मंत्र की आहुति दे।

👉यदि जिस ग्रह की वजह से आपकी संतान का शादी विवाह योग में परेशानी उत्पन्न हो रही है या पढ़ाई में समस्या पैदा हो रही है या स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या है। तो आप उस ग्रह- नक्षत्र आज के दिन उपाय कर सकते हैं।

👉आज का दिन ग्रह-नक्षत्र संबंधित परेशानी से मुक्ति हेतु तुला दान के लिए भी श्रेष्ठ है।।

👉आज पुखराज रत्न धारण व स्वर्ण आभूषण। धारण करने का भी श्रेष्ठ समय है।।

*Not-:* ज्योतिष ग्रह-नक्षत्र संबंधित उपाय हमेशा जन्म कुंडली के अध्ययन के बाद ही करने चाहिए।।

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