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आज होगा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार

लंदन: करीब 70 वर्ष ब्रिटेन की महारानी रहीं एलिजाबेथ द्वितीय का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। इस दौरान करीब 10 लाख आम नागरिक लंदन में विशेष आयोजनों का हिस्सा बनेंगे। पूरे विश्व से 500 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष, प्रतिनिधि और शाही परिवारों के लोग आमंत्रित किए गए हैं। यहां पहुंचने वाले महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वरिष्ठ नागरिक और बच्चे लंबी कतारों में खड़े हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि मैं अपने छोटे से स्टूल पर तब तक बैठूंगा जब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं हो जाता, मुझे रानी से प्यार था। 

10 किमी लंबी लाइन लगी 
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार पर ब्रिटेन में सोमवार को राष्ट्रीय अवकाश है। भीषण सर्दी के बावजूद रात में ही लोग आने लगे थे। अंतिम दर्शन के लिए 10 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। लोगों को करीब 24 घंटे लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 

ब्रिटिश महारानी के अंतिम संस्कार में कौन-कौन हिस्सा लेगा?
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित कई देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गणमान्य अतिथि ब्रिटेन में इतिहास बनने जा रहे युग के अंतिम क्षणों का हिस्सा बनने यहां आए हैं। राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिन की यात्रा पर ब्रिटेन पहुंची हैं। वे सोमवार को वेस्टमिंस्टर एबे में भारत सरकार की ओर से औपचारिक सांत्वना व्यक्त करेंगी। कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो, श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ महारानी के अंतिम संस्कार का हिस्सा बनेंगे। इन सबके अलावा न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न, यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सला वॉन डर लेयन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन भी अंतिम संस्कार में पहुंचेंगे। हालांकि, महारानी के अंतिम संस्कार में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को नहीं बुलाया गया है।  

लंदन के समयानुसार सुबह करीब 11 बजे वेस्टमिंस्टर हॉल से कार्यक्रम शुरू होगा 
इसके एक घंटे बाद पूरे देश में 2 मिनट का मौन रखा जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए वेस्टमिंस्टर एबे से विंडसर तक जुलूस निकाला जाएगा। शाम को महारानी को विंडसर कैसल स्थित किंग जॉर्ज चतुर्थ स्मृति चैपल में उनके दिवंगत पति प्रिंस फिलिप के निकट दफनाया जाएगा। ब्रिटेन में 1965 में पीएम विंस्टन चर्चिल के राजकीय अंतिम संस्कार के करीब 57 साल बाद यह आयोजन हो रहा है।

10 लाख लोगों के लिए 250 ट्रेनें चलेंगी
सोमवार को महारानी के राजकीय अंतिम संस्कार के साथ ही ब्रिटेन में जारी 10 दिन का राष्ट्रीय शोक समाप्त होगा। सोमवार को लंदनl आने वाले 10 लाख लोगाें के लिए 250 अतिरिक्त रेल चलाई जा रही है।

  • 5,949 सेना, वायु सेना और नौसेना के सैनिक तैनात 
  • 150 सैनिक गार्ड ऑफ ऑनर देंगे 410 सैनिक जुलूस में शामिल होंगे
  • 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी लंदन की बाकी व्यवस्था संभालेंगे
  • 36 किलोमीटर लंबे बैरियर लगाए
  • 100 से ज्यादा उड़ानें हीथ्रो एयरपोर्ट पर रद्द। ताकि शोर से व्यवधान ना हो।
  • 125 सिनेमाघरों में अंतिम संस्कार का सीधा प्रसारण होगा।

 

ब्रिटेन में सोमवार को क्या-क्या होगा?

महारानी के अंतिम संस्कार के दिन दो मिनट का मौन रखा जाएगा। राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने का चलन फिर से शुरू होने से सार्वजनिक भागीदारी भी बढ़ेगी। इससे जहां बड़ी संख्या में दर्शक टेलीविजन पर अंतिम संस्कार समारोह को देख सकेंगे। पूरे ब्रिटेन में कई रिटेलर्स भी व्यापार बंद रखेंगे, ताकि उनके कर्मचारी महारानी को श्रद्धांजलि दे सकें। द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्को, सेन्सबरी, मॉरिसन्स, लिड्स, मैक्डोनाल्ड्स के अलावा कुछ और संस्थानों ने अपने आउटलेट्स बंद रखने की बात कही है।

कौन-कौन आमंत्रितशाही परिवार : किंग चार्ल्स अपनी मां के ताबूत को लेकर चल रहे दल को सलामी देंगे। कैमिला, राजकुमार विलियम व हैरी, महारानी के बाकी तीन बच्चे एनी, एंड्रयू, एडवर्ड व उनके जीवनसाथी और पोते-पोतियां। राजकुमारी डायना के भाई अर्ल स्पेंसर।
महारानी के मित्र व सहयोगी : महारानी की निजी सहायक रही एंजेला कैली, लेडी सुसन हसी।
राष्ट्राें के अध्यक्ष : कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानेस, न्यूजीलैंड की पीएम जैकिंडा एडर्न, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर, इटली के राष्ट्रपति सर्गियो मैटरला, फ्रांस के राष्ट्रपति मैनुअल मैक्रॉन।

विवाद के बीच इन्हें भी निमंत्रण
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग : जिनपिंग के प्रतिनिधि के रूप में उपराष्ट्रपति वांग जाएंगे। उइगर मुसलमानों पर अत्याचार के कारण उनका विरोध हो रहा है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान : 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद पहली बार ब्रिटेन आएंगे।
इस्लामिक गणराज्य ईरान : परमाणु कार्यक्रम की वजह से उस पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध है।

…और इन्हें नहीं बुलाया
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व बेलारूस : यूक्रेन युद्ध के चलते आमंत्रण नहीं।
म्यांमार, सीरिया, वेनेजुएला और अफगानिस्तान।
उत्तर कोरिया, निकारागुआ : सिर्फ दूत को बुलाया

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