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गांधीवादी नेता और पूर्ब मंत्री रामप्रसाद टम्टा का निधन 

देहरादूनहल्द्वानी।गांधीवादी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रामप्रसाद टम्टा का निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। टम्टा की छह मई की रात को तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उनके स्वजन पहले उन्हें बागेश्वर के जिला अस्पताल ले गए। वहां पर ईसीजी कराया गया, उन्हें वहां से रेफर कर दिया गया। परिजन उन्हें डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय ले आए।मूल रूप से चौगांवछीना खर्कटम्टा निवासी राम प्रसाद को वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया था, लेकिन, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद आज उन्हें हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में इलाज के लिए ले गए, जहां दौरान उनका निधन हो गया। वह 1968 में यूथ कांग्रेस से जुड़े थे। 1971 में 18 साल की उम्र होने पर संगठन में चले गए। उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत ग्रामप्रधान के चुनाव से किया। वह महज 18 साल की उम्र में ग्रामप्रधान बने । 1993 में बागेश्वर विधान सभा चुनाव जीतकर उत्तरप्रदेश विधानसभा में पहुंचे थे। राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में वह इसी सीट से चुनावी समर में उतरे और जीत दर्ज की पहली निर्वाचित सरकार में मंत्री बने। उन्हें पंडित नारायण दत्त तिवारी सरकार में समाज कल्याण मंत्री बनाया गया। उत्तराखंड बनने के बाद 2002 में विधायक बने और समाज कल्याण मंत्री रहे। 2007 से 2012 तक कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए।2017 में उनका टिकट कट गया। बालकृष्ण को टिकट मिलने पर भाजपा शामिल हो गए। वह 49 साल कांग्रेस में रहे। उन्होंने मंत्री बनने के बाद जनता के लिए कई कल्याण कारी योजनाएं शुरू कराई और वह 2007 तक तिवारी सरकार में मंत्री रहे। वह सादगी जीवन जिया और रोडवेज की बस में सफर किया करते थे। पूर्व मंत्री के दो बेटे हैं। उनकी पत्नी मुन्नी देवी हैं। उनके बड़े पुत्र चंद्रकांत टम्टा नगर पालिका में जेई के पद पर तैनात हैं। जबकि छोटा बेटा अभिलेख टम्टा तांबे के बर्तनों की दुकान चलाते हैं।

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