Uncategorizedउत्तरप्रदेशकरिअर

गुटखा व्यवसायी: नौकरों के नाम चल रहा था करोड़ों का गोरखधंधा, सोफे और गद्दों से निकले साढ़े छह करोड़

हमीरपुर जिले में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग की टीम ने गुटखा व्यवसायी के मकान एवं फैक्टरी में करीब 18 घंटे तक जांच पड़ताल की। इसमें करीब साढ़े छह करोड़ की नकदी और बड़ी मात्रा में सोना भी बरामद किया गया। सीजीएसटी की टीम ने बरामद नकदी व अन्य सामान तीन बक्सों में भरकर एसबीआई के अधिकारियों के सुपुर्द किया है।

जांच में पता चला कि गुटखा व्यवसायी अपना करोड़ों का गोरखधंधा दो नौकरों के नाम से कर रहा है। आवास व फैक्टरी से मिले कागजातों से टैक्स चोरी की भी पुष्टि हो रही है। टीम जल्द ही व्यवसायी के खिलाफ टैक्स चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा सकती है। 

कानपुर की सीजीएसटी की टीम ने दयाल गुटखा के निर्माता पुरानी गल्ला मंडी निवासी व्यवसायी जगत गुप्ता के आवास पर छापा मारा। आवास के नीचे के हिस्से में ही गुटखा फैक्ट्री भी संचालित है।  सूत्रों के अनुसार टीम के हाथ कुछ ऐसे कागजात भी लगे हैं, जिनसे साबित होता है कि जगत अपना पूरा कारोबार अपने दो पुराने नौकरों राकेश पंडित और सहदेव गुप्ता के नाम से चला रहा है।

जगत ने साल 2013 के बाद दयाल गुटखा का रजिस्ट्रेशन राकेश पंडित और तंबाकू का रजिस्ट्रेशन सहदेव गुप्ता के नाम से करा रखा है। दोनों ही जगत के मुनीम बताए जाते हैं। ऐसे में देखना होगा कि सीजीएसटी की टीम अपनी कार्रवाई जगत के खिलाफ करती है या फिर इन दोनों मुनीम के खिलाफ।

व्यवसायी के आवास व फैक्टरी से निकलते वक्त टीम के डिप्टी कमिश्नर बृजेंद्र कुमार मीणा ने मीडिया को बताया कि गुटखा व्यवसायी के आवास एवं फैक्टरी से टैक्स चोरी से संबंधित भी कुछ कागजात हाथ लगे हैं। पूरी बरामदगी का खुलासा जल्द ही कानपुर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की ओर से किया जाएगा।  

गद्दे के नीचे नोट देख बुलाई मशीनें 
सीजीएसटी की टीम जिस वक्त गुटखा व्यवसायी जगत के आवास पर कागजातों की जांच पड़ताल कर रही थी, इसी बीच एक कमरे में पड़े बेड के नीचे से नोटों के बंडल बरामद होते ही टीम सदस्यों की सक्रियता और तेज हो गई। सूत्रानुसार इसके बाद और सोफे व गद्दों से जब नोट निकलने लगे तो उनकी गिनती के लिए टीम ने एसबीआई से संपर्क मशीनें मंगाई। तीन मशीनों से घंटों तक नोटों की गिनती की गई। 

आढ़तिया से जगत बना गुटखा व्यवसायी
नजदीकियों के मुताबिक साल 2001 से पहले जगत एक मामूली गल्ला आढ़ती था। इसके बाद उसने कस्बा निवासी राकेश गुप्ता व हमीरपुर के मेडिकल स्टोर संचालक गोपाल ओमर के साथ मिलकर चंद्रमोहन ब्रांड का रजिस्ट्रेशन कराया और गुटखा व्यवसायी बन गया। चंद दिनों में ही यह ब्रांड बुंदेलखंड के साथ-साथ कानपुर, फतेहपुर व कानपुर देहात में छा गया और उसकी माली हालत रातों-रात बदल गई। 

तत्कालीन डीएम की नजर में भी चढ़ा था जगत 
2011 में तत्कालीन जिलाधिकारी जी श्रीनिवास लू ने भी जगत की फैक्टरी में छापा मारा और अवैध ढंग से कारोबार करने के साथ टैक्स चोरी आदि में कार्रवाई की थी। फैक्टरी को भी सील कर दिया था। उस समय दो स्थानों पर मशीनें लगाकर गुटखा तैयार किया जा रहा था। इस कार्रवाई के बाद करीब छह माह तक कारोबार बंद रहा। इस छापेमारी में राकेश गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। जो आज भी विचाराधीन है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button