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धामी कैबिनेट बैठक में लिया गया अहम फैसला, अब हल्द्वानी शिफ्ट होगी नैनीताल हाई कोर्ट

देहरादून। नैनीताल से हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने को लेकर धामी कैबिनेट ने आज सैद्धांतिक सहमति दे दी है। मंत्रिमंडल की सहमति के बाद हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की राह आसान हो गई है। जबरन धर्मांतरण कराए जाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया जाएगा। सरकार इसके किए कानून बनाएगी।

राज्य में चिन्हित जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए टिहरी जल विद्युत निगम और उत्तराखंड जल विद्युत निगम का साझेदारी में उपक्रम गठित किए जाने की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट के प्रमुख निर्णय
1. जनपद चम्पावत में सभ्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) कार्यालय की स्थापना की जाएगी।
2. उत्तराखण्ड राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला अराजपत्रित (तकनीकी) समूह ’ख’ (संशोधन) सेवा नियमावली 2021 में ज्येष्ठ वैज्ञानिक सहायक का पद समूह ख में अराजपत्रित होने के दृष्टिगत संगत सेवा नियमावली में संशोधन के लिए उत्तराखण्ड राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला अराजपत्रित (तकनीकी) समूह ख (द्वितीय संशोधन) सेवा नियमावली को मंत्रिमंडल का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
3. जल विद्युत परियोजनाओं को व्यवसायिक एवं व्यवहारिक रूप से मूर्त रूप देने के लिए 74ः26 प्रतिशत अंशदान के साथ टीएचडीसी एवं यूजेवीएन के मध्य संयुक्त उपक्रम गठित किये जाने विषयक प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। उक्त प्रस्ताव पर कार्यवाही से जहां राज्य में संभावित एवं उपलब्ध जल विद्युत परियोजनाओं के विकास पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित होगी। टीएचडीसी के तकनीकी एवं वित्तीय संसाधनों का सदुपयोग हो पायेगा जिससे अत्प्रयक्ष रूप से राज्य आय संसाधन, क्षेत्र विकास एवं रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि संभव हो पायेगी। राज्य सरकार की परियोजनाओं के विकास के फलस्वरूप रॉयल्टी के रूप में 12 प्रतिशत विद्युत प्राप्त होगी।

4. ग्रामीण निर्माण विभाग की वित्तीय सीमा को 15 करोड़ से बढाकर असीमित वित्तीय लागत के कार्यों को कराये जाने के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में अधिकृत किये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। पूर्व स्थापित व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य पोषित कौशल विकास योजना को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नार्म्स के अनुसार संचालित किये जाने के निर्देश प्राप्त थे कौशल प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार एवं प्रशिक्षण प्रदाताओं की जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत स्थापित भुगतान प्रक्रिया में कतिपय सुधार की आवश्यकता प्रतीत हुई। मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित नवीन भुगतान प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्रदाताओं को चार चरणों में भुगतान किया जायेगा। प्रशिक्षण प्रदाता को प्रथम किश्त का भुगतान 15% of total training cost Mobilization advance के रूप में, द्वितीय किश्त (15 प्रतिशत of total training cost ) का भुगतान प्रशिक्षणार्थियों की 70 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने पर, तृतीय किश्त (40 प्रतिशत of total training cost ) का भुगतान प्रशिक्षित युवाओं के प्रमाणीकरण कराये जाने के उपरान्त तथा चतुर्थ किश्त का भुगतान (30 प्रतिशत of total training cost ) को रोजगार से जोड़े जाने के प्रमाण उपलब्ध कराये जाने पर प्रत्येक सेवायोजित अभ्यर्थी हेतु Pro-rata के आधार पर देय होगा।

5. उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा अधीनस्थ अधिकारी / कर्मचारी सेवा नियमावली, 2016 में फायरमैन के पद पर भर्ती के लिए सामान्य / अन्य पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के लिए पुलिस पैरिटी के अनुसार न्यूनतम ऊँचाई 165 सेमी0 किये जाने तथा महिला अग्निशामक (फायर वुमेन) एवं महिला अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पद पर भर्ती के लिए शारीरिक नाप-जोख एवं शारीरिक अर्हता सम्बन्धी नियम-16 (ख) एवं तदसम्बन्धी परिशिष्टों में आंशिक संशोधन किये जाने के लिए उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा अधीनस्थ अधिकारी / कर्मचारी सेवा (संशोधन) नियमावली को मंत्रिमण्डल ने स्वीकृति दे दी है।

6. उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम, 1901 ( उत्तराखण्ड अनुकूलन एवं उपरान्तरण आदेश, 2001) की धारा-1 में संशोधन तथा धारा-233क में अध्यादेश दिनांक 31-08-2022 द्वारा संशोधन / अन्तःस्थापन किया गया है, जिसे विधेयक का स्वरूप दिया जाना है। जिससे वर्तमान तथा भविष्य में राजस्व विभाग के अन्तर्गत भू-राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ दाखिल खारिज की कार्यवाही न होने से उत्पन्न भूमि विवाद तथा उत्पन्न कठिनाईयों का समाधान हो जायेगा।

7. उत्तराखण्ड राज्य में दुकानों एवं स्थापनों में नियोजित कर्मकारों के रोजगार एवं सेवा की अन्य शर्तों से संबंधित विधियों को विनियमित करने तथा उससे संबंधित या उसके अनुषांगिक मामलों के लिए उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 2017 की धारा 21 में अधिनियम के पंजीयन आदि के प्रावधानों के उल्लंघन के लिये जिसके परिणामस्वरूप किसी कर्मकार को गम्भीर शारिरिक क्षति या उसकी मृत्यु कारित करने वाली कोई दुर्घटना हुई है, के लिए नियोक्ता को कारावास से, जो छह मास तक हो सकेगा या जुर्माने से, जो दो लाख रूपये से कम नहीं होगा, किन्तु जो पांच लाख रूपये तक हो सकेगा या दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। मंत्रिमण्डल सचिव, भारत सरकार, नई दिल्ली के पत्र दिनांक 02.05.2022 द्वारा ईज ऑफ लिविंग के अन्तर्गत नागरिकों को लघु उल्लंघनों हेतु कारावास के प्रावधानों को अपराध मुक्त (हटाये जाने) किये जाने की अपेक्षा की गयी है। तत्क्रम में प्रस्तावित उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन ( रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) विधेयक, 2022 द्वारा उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 2017 की धारा 21 में अधिनियम के पंजीयन आदि के उपबंधों के उल्लंघन के लिये प्रावधानित कारावास संबंधी दण्ड को हटाये जाने का प्रावधान प्रस्तावित किया जा रहा है।

8. बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 (यथा संशोधित 2016) के अधीन बाल एवं किशोर श्रम को प्रतिषेध किया गया है। उक्त अधिनियम की धारा-18 की उपधारा (1) में राज्य सरकार को अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए राजपत्र में अधिसूचना द्वारा पूर्व प्रकाशन की शर्त के अधीन रहते हुए नियम बनाने की शक्ति प्रदान की गयी है।

9. उत्तराखण्ड सेवानिवृत्ति लाभ अधिनियम, 2018 के प्रख्यापन के बाबजूद भी विभिन्न कार्मिकों द्वारा दैनिक वेतन श्रमिक, तदर्थ, कार्यप्रभारित संविदा नियत वेतन एवं अंशकालिक रूप में तैनात होने की तिथि से सेवानिवृत्तिक लाभ दिये जाने हेतु मा० न्यायालयों में बाद योजित किये जा रहे है, ऐसी स्थिति में राज्य के सीमित संसाधन के दृष्टिगत पारदर्शी प्रक्रिया लाये जाने के उद्देश्य से एक कानून बनाया जाएगा।

10. विषम भौगोलिक पीएमपरिस्थितियों / दुर्गम क्षेत्रों में अध्यासित नागरिकों को सतत् विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समस्त नागरिक केन्द्रित सेवाओं, जन-कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पारदर्शी, त्वरित एवं सुगमतापूर्वक पहुँचाने में दूरसंचार सेवाओं का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण योगदान है, जिस हेतु सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। इन्हीं प्रयासों के क्रम में दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देशभर के 4जी मोबाईल कनेक्टिविटी अनाच्छादित गाँवों को 4जी मोबाईल कनेक्टिविटी से आच्छादित किये जाने का निर्णय लेते हुए चिन्हित् क्षेत्रों में मोबाईल टावर लगाये जाने का फैसला लिया गया हैं।

11. राज्य में ब्लॉक स्तर से उच्च स्तर तक विभागीय प्रक्रिया को ऑनलाईन किये जाने एवं विभागों के समस्त डाटा को एकीकृत करने के लिए डाटा लेक’ विकसित किये जाने एवं अपणि सरकार पोर्टल के अन्तर्गत 329 नागरिक सेवाओं हेतु मानव संसाधन निक्सी के माध्यम से एकल स्रोत अन्तर्गत नियमानुसार आबद्ध किये जाने के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश के माध्यम से सहमति प्रदान की गयी है। इसी प्रकार शासनादेश दिनांक 29.07.2022 के माध्यम से परियोजना की वित्तीय स्वीकृति (परियोजना की अनुमानित लागत धनराशि रू0 22,00,00,000.00 (रु० बाईस करोड़ मात्र ) हेतु आगामी 02 वर्ष के लिये व्यय आई०टी०डी०ए० के नियंत्रणाधीन केन्द्र पोषित ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना की अवशेष धनराशि रू0 8.00 करोड़ (रू० आठ करोड़ मात्र ) से किया जाना एवं शेष हेतु आगामी बजट में प्राविधान किया जाना है) भी प्रदान की गयी है। उक्त के अतिरिक्त शासनादेश दिनांक-17.08.2022 के माध्यम से राज्य के समस्त विभागों को डाटा लेक के सम्बन्ध में विभिन्न दिशा-निर्देश निर्गत किये गये है।

अतः उपरोक्त निर्गत शासनादेश दिनांक 29.07. 2022 शासनादेश संख्या- दिनांक 29.07.2022 तथा शासनादेश दिनांक-17.08.2022 पर कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।

12. राज्य में दुकानों एवं स्थापनों में नियोजित कर्मकारों के रोजगार एवं सेवा की अन्य शर्तों से संबंधित विधियों को विनियमित करने तथा उससे संबंधित या उसके अनुषांगिक मामलों के लिए अधिसूचना दिनांक 05.01.2018 द्वारा उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 2017 बनाया गया है। उक्त अधिनियम की धारा 28 की उपधारा (1) में राज्य सरकार को अधिसूचना द्वारा अधिनियम के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के लिए नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है। उक्त के क्रम में उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) नियमावली 2022 प्रख्यापित किया जाना प्रस्तावित किया जा रहा है। प्रस्तावित नियमावली में जो मुख्य प्रावधान प्रस्तावित किये गये हैं उनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत हैः- नियम 3 में दस या अधिक श्रमिकों को नियुक्त करने वाले प्रत्येक स्थापन के पंजीकरण हेतु ऑन-लाइन आवेदन, नियम 5 में स्थापन के पंजीकरण की रीति नियम 10 में महिला कर्मचारियों के नियोजन की शर्तों के साथ-साथ महिलाओं से रात की पाली में कार्य लिये जाने हेतु शर्तों का निर्धारण, नियम 11 में श्रमिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा एवं कल्याण समिति का गठन, नियम 12 में स्थापन के परिसर में स्वच्छता, प्रकाश एवं वेंटिलेशन की व्यवस्था, नियम 14 में श्रमिकों के काम के घण्टे विश्रान्ति अन्तराल, साप्ताहिक अवकाश स्थापन परिसर में कार्यरत कर्मकारों के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु कार्यस्थल में बैठने हेतु उपयुक्त व्यवस्था अनिवार्य रूप से किये जाने, नियम 21 में स्थापन में प्राथमिक चिकित्सा उपकरण आदि की व्यवस्था किये जाने के प्रावधान रखे गये हैं।

13. अपराधिक प्रक्रियाओं तथा कारावास सम्बन्धी प्रावधानों को गैर- अपराधिकृत किये जाने के भारत सरकार की पहल के उद्देश्य से उत्तराखण्ड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम, 2016 की धारा 9 (1) एवं धारा -9 (2) में संशोधन करते हुए कारावास सम्बन्धी प्राविधानों को विलोपित किये जाने तथा निरन्तर अपराध की स्थिति में अर्थदण्ड रू0 500 प्रतिदिन के स्थान पर रू० 2000 प्रतिदिन अपराध जारी रखने की अवधि तक किया जा रहा है।

14. जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10 कि०मी० अपस्ट्रीम पर गोला नदी पर प्रस्तावित जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना के अन्तर्गत बांध निर्माण से इस क्षेत्र में 117 एम0एल0डी० पेयजल की आपूर्ति होगी, जिससे इस क्षेत्र की बढ़ती हुई पेयजल समस्या के निदान में भी सहायता प्रदान होगी तथा वर्तमान में पेयजल हेतु नलकूपों से हो रही जलापूर्ति पर निर्भरता कम होगी। जिसके फलस्वरूप भांवर क्षेत्र का भू-जल स्तर बढ़ेगा तथा पर्यावरण पर भी अत्यन्त अनुकूल प्रभाव होगा इसके अतिरिक्त परियोजना से 14 मे०वा० जलविद्युत (63.4 मि०यू० प्रतिवर्ष) का विद्युत उत्पादन होगा। प्रस्तावित परियोजना से 06 गांवों के लगभग 1323 प्रभावित परिवारों को उनके पूर्ण / आंशिक रूप से प्रभावित होने को दृष्टिगत रखते हुये उन्ह 03 श्रेणीयों में विभक्त करते हुये तद्नुसार उनके पुर्नवास व उन्हें मुआवजा प्रदान किये जाने हेतु “जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना हेतु पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति-2022“ का प्रख्यापन किया जा रहा है।

15. वर्ष 2013 के माह जून में केदारनाथ क्षेत्र में आयी प्राकृतिक आपदा से श्री केदारनाथ धाम से तिलवाड़ा तक अवस्थित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सामग्रियों को हुई क्षति हेतु राहत दिये जाने के लिये शासनादेश संख्या-दिनांक 04.03.2014 के प्रस्तर- ख के प्राविधानुसार श्रेणी ए एवं श्रेणी बी के कुल 465 व्यवसायियों को काफी लम्बे समय से लम्बित राहत राशि की द्वितीय किस्त की धनराशि आवंटित किये जाने के उददेश्य से ग० मुख्यमंत्री राहत कोष से विशेष राहत राशि के रूप में आवंटित किये जाने का प्रस्ताव है।

16. श्री केदारनाथ धाम एरावइल प्लाजा में निर्माण किये जाने वाली विशिष्ट प्रकार की ओम कलाकृति बनायी जायेगी।

17. उत्तराखण्ड राज्य के क्षेत्र विशेष को पर्यटन के दृष्टि से विकसित किये जाने हेतु विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों का गठन समय-समय पर किया जाता है, जिस हेतु उत्तराखण्ड विशेष क्षेत्र ( पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) अधिनियम, 2013 का गठन किया गया है। उक्त अधिनियम के तहत ही श्री केदारनाथ विकास प्राधिकरण एवं टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। उक्त विशेष क्षेत्रों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किये जाने हेतु विशेष प्राधिकरणों को सुदृढ़ बनाये जाने हेतु अधिनियम में संशोधन किये जाने हेतु अध्यादेश लाये जाने की अनुमति प्राप्त की गयी है।

18. मा. मंत्रिमण्डल द्वारा उत्तराखण्ड मोटर कराधान सुधार नियमावली, 2003 में निम्न संशोधन करने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया- नियम 3 के अन्तर्गत संभागीय परिवहन अधिकारी को भी कराधान अधिकारी नामित किया गया। नियम 9क में संशोधन करते हुए सीज किए गए वाहनों की नीलामी हेतु वरिष्ठतम संभागीय परिवहन अधिकारी की अध्यक्षता में नीलामी समिति का पुनर्गठन किया गया। नियम 22 के उप नियम 4 में संशोधन करते हुए वाहनों का उपयोग न होने की दशा में प्रथम बार समर्पण की अधिकतम अवधि 03 माह से बढ़ाकर अधिकतम 06 माह और पुनः विस्तार की अधिकतम अवधि 03 माह को भी बढ़ाकर अधिकतम 06 माह किया गया। साथ ही आपदा, चोरी, दुर्घटना, जब्ती आदि विशेष परिस्थितियों में वाहन के अनुपयोग को भी समर्पण की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है ताकि एसी अवधि के लिए वाहनों पर कर की देयता न बने।

20. उत्तर प्रदेश जल सम्भरण, सीवर व्यवस्था अधिनियम, 1975 ( उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड जल संस्थान के वार्षिक लेखे को राज्य सरकार द्वारा विधान सभा के पटल पर प्रस्तुत किये जाने के प्राविधान के क्रम में उत्तराखण्ड जल संस्थान की वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 के वार्षिक लेखे / प्रतिवेदन को आगामी विधान सभा के पटल पर रखे 1/1 जाने हेतु मा0 मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

21. उत्तराखण्ड राज्य के क्षेत्र विशेष को पर्यटन के दृष्टि से विकसित किये जाने हेतु विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों का गठन समय-समय पर किया जाता है, जिस हेतु उत्तराखण्ड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) अधिनियम 2013 का गठन किया गया है। उक्त अधिनियम के तहत ही श्री केदारनाथ विकास प्राधिकरण एवं टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। उक्त विशेष क्षेत्रों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किये जाने हेतु विशेष प्राधिकरणों को सुदृढ़ बनाये जाने हेतु अधिनियम में संशोधन किये जाने हेतु अध्यादेश लाये जाने की अनुमति प्राप्त की गयी है।

22. उत्तराखण्ड राज्य में भारत के संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 27 एवं 28 में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के अन्तर्गत प्रत्येक धर्म की महत्ता को समान रूप से प्रबल किये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 ( उत्तराखण्ड अधिनियम संख्याः 28 वर्ष 2018 ) प्रख्यापित किया गया था। वर्तमान में परिवर्तित परिस्थितियों एवं एक्ट को और अधिक सशक्त बनाये जाने के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश राज्य की भांति उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 को प्रख्यापित किया जा रहा है।

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