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यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र में रूस का मिसाइल हमला, 30 की मौत, 88 घायल

यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित एक कार बाजार में रूस ने मिसाइल हमला किया जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और 88 लोग घायल हैं। जपोरिझिया के क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर स्तारुख ने बताया, यह हमला इतना शक्तिशाली था कि कांक्रीट की सड़क पर कई फुट गहरा गड्ढा बन गया और धमाके एक असर से कारों की खिड़कियां तक उड़ गईं। 
क्षेत्र के पुलिस प्रमुख कर्नल सर्गेई उजरुमोव ने कहा, कार बाजार को रूस ने तीन एस-300 मिसाइलों से टार्गेट किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, दुश्मन उग्र है और हमारी दृढ़ता व सफलताओं के बाद उसका बदला ले रहा है। जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख एंद्री यरमक ने बाद में कहा, यह एक आतंकी हमला था। पूरे इलाके में लाशें बिखरी हैं, सामान मलबे में बदल गया है। 

राष्ट्रपति बाइडन बोले पुतिन से डरने वाले नहीं
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा कर दी है। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन ने पुतिन पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी पुतिन और उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि पुतिन की हरकतें इस बात का संकेत हैं कि वे संघर्ष कर रहे हैं। आगे कहा कि वह अपने पड़ोसी देश पर कब्जा नहीं कर सकते उनको उससे दूर रहना चाहिए। हम यूक्रेन को सैन्य उपकरण मुहैया कराना जारी रखेंगे।

यूक्रेन के क्षेत्रों पर रूस द्वारा कब्जे की जी-7 ने की निंदा
जी-7 ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस के कब्जे की कड़ी निंदा की है। जी-7 विदेश मंत्रियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि हम रूस द्वारा किए गए डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्ज्या क्षेत्रों के कब्जे को कभी भी मान्यता नहीं देंगे। साथ ही कहा कि हम बंदूक की नोंक पर कराया गया नकली जनमत संग्रह को कभी नहीं मानेंगे।

बंदूक की नोंक पर किया कब्जा : पश्चिम
रूसी राष्ट्रपति की घोषणा को अमेरिका समेत पश्चिमी नेताओं ने अवैध और कब्जे की मानसिकता बताया है। यूक्रेन के पश्चिमी समर्थकों ने रूस द्वारा कराए गए जनमत संग्रह को मंच-प्रबंधित बताया जो झूठ के आधार पर भूमि को हड़पने के लिए बंदूक की नोंक पर कराया गया। ब्रिटेन ने कहा, लोगों को चारों क्षेत्र में जबरन मतदान के लिए मजबूर किया गया और इसके लिए सेना के अफसर खुद मतपेटियां लेकर घर-घर गए। अमेरिका ने कहा, इस कदम को वैश्विक मान्यता नहीं मिलेगी। उधर ईयू ने रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की बात कही है।

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