उत्तराखण्ड

शहरी क्षेत्रों की भांति गांवों को भी स्वच्छ-सुंदर बनाने की दिशा में सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही, बना यह नया प्‍लान

देहरादून:  शहरी क्षेत्रों की भांति गांवों को भी स्वच्छ-सुंदर बनाने की दिशा में सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। गांवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतें न केवल कदम उठाएंगी, बल्कि यूजर चार्ज भी वसूल सकेंगी और इसका निर्धारण वे स्वयं करेंगी।

इसकी वसूली का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा। इससे जहां ग्राम पंचायत की आय का स्रोत विकसित होगा, वहीं स्वरोजगार के अवसर भी सृजित हो सकेंगे।

अपशिष्ट के निस्तारण के मद्देनजर प्रभावी प्रबंधन पर जोर

केंद्र सरकार लगातार ही ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के मद्देनजर प्रभावी प्रबंधन पर जोर दे रही है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने राज्य के 102 शहरी क्षेत्रों के बाद अब यहां की 7791 ग्राम पंचायतों पर ध्यान केंद्रित किया है।

असल में गांवों से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन को कुछ कदम अवश्य उठाए गए हैं, लेकिन इनमें तेजी की आवश्यकता है। विशेषकर प्लास्टिक कचरे के साथ ही तरल अपशिष्ट के निस्तारण को लेकर। अब ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों को प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर इसे धरातल पर उतारने को कहा गया है।

इस दिशा में ग्राम पंचायतों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों में पंचायती राज विभाग सहयोग देगा। तय कार्ययोजना के अनुसार प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के मद्देनजर सभी ब्लाक मुख्यालयों में कांपेक्टर लगाए जा रहे हैं।

ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि सभी ग्राम पंचायतों से निकलने वाला प्लास्टिक कचरा कांपेक्टर तक पहुंचे, जहां से इसे हरिद्वार व हल्द्वानी स्थित रिसाइक्लिंग प्लांट में भेजा जाएगा। तरल अपशिष्ट के निस्तारण को गांवों में चार से पांच घरों के लिए एक-एक पिट बनाने पर जोर दिया जाएगा। ठोस अपशिष्ट का पृथक्कीकरण गांव में किया जाएगा।

ग्राम पंचायतों की विशेष बैठक सात को

सभी ग्राम पंचायतों में सात दिसंबर को विशेष बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इनमें ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण को लेकर चर्चा की जाएगी। साथ ही स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के साथ ही इसमें सहयोग की अपेक्षा की जाएगी।

गांव स्वच्छ और सुंदर बने रहें, इसके लिए कूड़ा-कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के दृष्टिगत पंचायतें यूजर चार्ज ले सकेंगी। इसका निर्धारण वे स्वयं करेंगी। यह निर्देश दिए गए हैं कि यूजर चार्ज की वसूली के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी जाए।

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