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DM की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित


पौड़ी: जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति (डी.सी.सी/डी.एल.आर.सी) की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभिन्न क्षेत्रों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर रोस्टरवार डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल शिक्षा, साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा, महिला कानून तथा सरकारी योजनाओं की व्यावहारिक जानकारी दें। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता में भीम ऐप, एटीएम उपयोग, पी.ओ.एस. मशीन, ई-पेमेंट और ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षा और सावधानी के संबंध में विस्तार से बतायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उपयोजना, होम स्टे योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री नैनो स्वरोजगार योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली (वाहन-गैर वाहन मद) योजना जैसी फ्लैगशिप योजनाओं में लक्ष्य के साथ ही सामाजिक सुरक्षा (पेंशन, आर्थिक सहायता इत्यादि) योजनाओं में लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष पेन्डेंमी न रखें तथा इस एप्रोच से कार्य करें कि योजनाओं से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने निर्देशित किया कि संबंधित विभाग और बैंकर दोनों अपने बेहतर समन्वय से सभी सरकारी योजनाओं का समुचित और त्वरित लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत विभिन्न समूहों को कलस्टर आधारित कृषि, बागवानी, डेयरी तथा इससे जुड़े रोजगारपरक कार्यों में विभिन्न विभाग कंवर्जेन्स के माध्यम से समूहों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कलस्टर आधारित पॉलीहाउस, डेयरी, मशरूम, मौन पालन इत्यादि गतिविधियों के संचालन के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य उद्यान अधिकारी को समूह के माध्यम से मशरूम प्रोडक्शन सेंटर तैयार करने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि कोटद्वार, श्रीनगर तथा ऐसे कस्बे जहां छोटे-छोटे स्वरोजगार परक कार्य व्यक्ति कर सकता है, उनको व्यापक स्तर पर लाभान्वित करें।
जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स को निर्देशित किया कि विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों से अतिरिक्त और अनावश्यक औपचारिकताऐं न मांगी जाए, यदि कोई बैंकर ऐसा करते पाया जायेगा तो इसको बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होंने आवेदकों की पेन्डेंसी के लिए बैंकर्स और लाइन डिपार्टमेंट से 05 अधिकारियों का एक कोर ग्रुप बनाया जो आवेदनों के त्वरित निस्तारण में सहयोग करेगा।
जिलाधिकारी ने प्राथमिक सेक्टर (कृषि, बागवानी, डेयरी, पशुपालन, मौन पालन, मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन इत्यादि) के साथ-साथ होम-स्टे योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना तथा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि बैंको द्वारा ऋण वितरण हेतु डिस्ट्रिक्ट कैडिट प्लान में वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक लक्ष्य रूपये 902 करोड था जो कि बढ़ाकर 927 करोड कर दिया गया है जिसमें सितम्बर 2022 तक 32.5 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इसके साथ ही जनपद में कुल 19 बैंको की 201 ब्रांचों द्वारा सितम्बर माह तक सीडी रेस्यो में कुल 25.85 का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, लीड बैंक अधिकारी अनिल कटारिया, डी.डी.एम. नाबार्ड भूपेन्द्र सिंह, कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी, मुख्य उद्यान अधिकारी डी. के. तिवारी, पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 पी.एस.बिष्ट, एसबीआई मैनेजर सुधांशु नेगी सहित अन्य रेखीय विभागों के अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित थे।

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