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ISRO जासूसी मामले से बरी हुईं फौजिया हसन का में निधन

तिरुवनंतपुरम/माले: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जासूसी प्रकरण में वैज्ञानिक एन. नारायणन के साथ झूठे आरोपों में फंसायी गई मालदीव की महिला फौजिया हसन का निधन हो गया है। 

तीन दशक पहल मालदीव की जिन दो महिलाओं को इसरो जासूसी के झूठे आरोपों में फंसाया गया था, उनमें पौजिया भी शामिल थी। 
फौजिया हसन मालदीव की एक लोकप्रिय अभिनेत्री भी थीं। मंगलवार की सुबह श्रीलंका के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। वह 79 वर्ष की थीं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीने में दर्द की शिकायत के बाद फौजिया हसन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। उनके निधन पर मालदीव के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने भी शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- फौजिया हसन के निधन की खबर सुनना बहुत दुखद है, जिन्होंने प्रसारण, कला और फिल्म के क्षेत्र में जबरदस्त योगदान दिया। ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे। 

साल 1994 में फौजिया हसन को मालदीव की एक अन्य महिला मरियम रशीदा और भारतीय वैज्ञानिक एन. नारायणन के साथ केरल से गिरफ्तार किया गया था। उन पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से संबंधित कुछ गोपनीय दस्तावेजों को विदेशों में स्थानांतरित करने के आरोप लगे थे। हालांकि बाद में अदालत ने उन सभी मामले में उन्हें बरी कर दिया था। 

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