उत्तराखण्डकरिअर

डीजल, पेट्रोल के दाम बढ़ने की आशंका, पेट्रोल पंप पर लगी भीड़, ट्रैक्टर-बुग्गी पर ड्रम लेकर पहुंचे लोग

नारसन। डीजल, पेट्रोल के दाम बढ़ने की आशंका के मद्देनजर किसान डीजल को स्टोर करने में जुट गए हैं। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर ड्रम लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं, शहरों में पेट्रोल और डीजल लेने के लिए पंप पर मारामारी मची हुई है।

चुनाव आचार संहिता के चलते दो माह से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई वृद्धि नहीं हो पाई है। वहीं, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। पेट्रोलियम कंपनियों ने मूल्य वृद्धि के लिए दबाव बनाया हुआ है। मतदान समाप्त होने के साथ ही मूल्य बढ़ने की आशंका के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल को लेकर मारामारी मच गई है।

नारसन, झबरेड़ा, भगवानपुर, इकबालपुर, लंढौरा, कलियर क्षेत्र में किसान ट्रैक्टर-बुग्गी पर ड्रम लेकर आ रहे हैं। नारसन और लखनौता के साथ-साथ सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिले के किसान डीजल लेकर जा रहे हैं। वहीं, शहर के अंदर भी पेट्रोल पंप पर भीड़ लगी हुई है। कुछ पेट्रोल पंप पर तो सुबह ही तेल समाप्त हो गया था। दोबारा टैंकर मंगवाया गया है।

इंडियन आयल कारपोरेशन लि. के क्षेत्रीय प्रबंधक मोहित बिष्ट की मानें तो खपत में काफी अंतर आ गया है। सात मार्च को रुड़की और हरिद्वार में आइओसी के पेट्रोल पंप पर 705 किलोलीटर तेल की खपत हुई है। जबकि एक सप्ताह पहले रुड़की व हरिद्वार में तेल की खपत औसतन 440 से लेकर 450 किलो लीटर के बीच रहती थी। आठ मार्च को खपत ज्यादा हुई है। बता दें कि आइओसी के अलावा अन्य तेल कपंनियों के भी जिले में पेट्रोल पंप हैं।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें नौ साल में पहली बार 120 अमेरिकी डालर प्रति बैरल (तीन मार्च को) से ऊपर पहुंच गईं हैं। वहीं देश में पेट्रोल के दाम 15 से 22 रुपये तक महंगे हो सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार घरेलु तेज कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए कीमतें बढ़ानी होंगी। अगर तेज कंपनियों ने यह बढ़ोतरी की तो आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button