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गोंडा-बहराइच मार्ग पर संत आशाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार में मिला किशोरी का शव

करीब नौ वर्ष से राजस्थान की जोधपुर की जेल में बंद आध्यात्मिक गुरु आशाराम बापू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गोंडा में शुक्रवार को आशाराम बापू के आश्रम में खड़ी कार में युवती का शव मिला है। युवती चार दिन से लापता थी। अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने घटनास्थल और आश्रम को सील कर दिया है।

गोंडा में पांच अप्रैल देर शाम से गायब एक किशोरी का शव आज गोंडा-बहराइच मार्ग के नगर कोतवाली के विमौर गांव में संत आशाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार में मिला है। किशोरी की बीते पांच अप्रैल की देर शाम घर से गायब हुई थी। इस मामले में स्वजन ने तीन लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा करायाा था। आश्रम में खड़ी कार से बदबू आने के बाद चौकीदार ने कार में शव को देखा तो सूचना दी।

युवती का शव मिलने की जानकारी होने पर डीएम डा.उज्ज्वल कुमार व एसपी संतोष कुमार मिश्र ने पहुंचकर जानकारी ली। इसके साथ ही इस घटना का राजफाश व आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों को लगाया है। डाग स्क्वायड व फारेंसिक टीम ने पहुंचकर पड़ताल की। उधर आश्रम के सेवादार समेत कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

एसपी ने बताया कि नगर कोतवाली के एक गांव की रहने वाली किशोरी बीते पांच अप्रैल की देर शाम घर से गायब हो गई थी। इस मामले में उसके घरवालों ने छह अप्रैल को मिश्रौलिया चौकी पर सूचना दी। काफी तलाश के बाद जब किशोरी का पता नहीं चला तो सात अप्रैल को उसके पिता ने तीन लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा कराया। मुकदमे के बाद किशोरी की बरामदगी के लिए टीम लगाई गई।

गुरुवार देर रात गोंडा-बहराइच मार्ग पर संत आशाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार में किशोरी का शव पड़ा होने की जानकारी पुलिस को मिली। एसपी ने बताया कि वह स्वयं डीएम के साथ पहुंचे। किशोरी की पहचान कराई गई। किशोरी उसी गांव की निकली। जो पांच अप्रैल की देर शाम गा यब हुई थी। कार में पड़े किशोरी के शव में सडऩ शुरू हो गई थी। एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का पता चल सकेगा। रिपोर्ट आने के बाद ही दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हो सकेगी। हर बिंदुओं की जांच चल रही है।

उठ रहे कई सवाल : संत आशाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार किसकी है। कार के अंदर किशोरी कैसे पहुंची। शव दो दिनों तक कार में पड़ा रहा और किसी को भनक क्यों नहीं लगी। किशोरी आश्रम क्यों और कैसे पहुंची। सेवादारों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। वही किशोरी के गायब होने के 36 घंटे बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज होना भी सवालों के घेरे में हैं। कार एक सेवादार की बताई जा रही है, जो काफी दिनों से आश्रम में खड़ी है। कार का दरवाजा लाक था या नहीं। यदि लाक था तो चाबी किसके पास थी। कार कितने दिनों से खड़ी थी। ऐसे कई सवालों का जवाब पुलिस खंगाल रही है।

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