उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन और आरती में हिस्सा लेकर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड लाने का उद्देश्य है कि प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून की व्यवस्था की जा सके। चाहे वह व्यक्ति किसी धर्म या जाति का हो।

यूनिफार्म सिविल कोड संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा। सीएम ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य स्टेक होल्डर्स की एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया, जो उत्तराखंड के लिए यूनिफार्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी।

गुरुवार को हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। राज्य को विकास की दृष्टि से रजत जयंती वर्ष में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन और आरती में लिया हिस्सा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन और आरती में हिस्सा लेकर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने कनखल स्थित जगद्गुरु आश्रम पहुंचकर जगद्गुरु स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय, एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे

मोरारी बापू की कथा सुनने से भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा: सीएम

पतंजलि विश्वविद्यालय में मोरारी बापू की ‘मानस गुरुकुल’ कथा के छठे दिन बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बापू की कथा सुनना अद्भुत अनुभव है। उनकी कथा में सभी वर्गों का समावेश रहता है। कथा सुनने से भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कथा हम सब सुनना चाहते हैं, लेकिन कथा सुनने का सौभाग्य सबको नहीं मिलता है। यह परम सौभाग्य उन्हें ईश्वर की कृपा से प्राप्त हुआ है। कहा कि मोरारी बापू से श्री रामकथा सुनने का सौभाग्य दूसरी बार मिल रहा है। इससे पहले कथा सुनने वो खटीमा से अल्मोड़ा के डोल आश्रम पहुंचे थे।

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यह जीवन की पूर्णता की यात्रा है और पूर्णता जिन आध्यात्मिक तत्वों से मिलती है, वह ब्रह्म विद्या, योग विद्या, वेद विद्या, अध्यात्म विद्या है। उन्होंने कहा कि आज धर्म, अध्यात्म, वेद, उपनिषद को लेकर भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।

स्वर्ग और नर्क प्राप्ति के लिए तागे-ताबिज को साधन बताया जा रहा है, जबकि स्वर्ग प्राप्ति या मोक्ष का एकमात्र साधन हमारे वेद हैं। शास्त्र कहते हैं कि तुम आत्मनिर्भर हो। आत्मनिर्भर बनकर तुम पूर्ण स्वस्थ, पूर्ण विवेकी, पूर्ण श्रद्धावान, पूर्ण पुरुषार्थी, पूर्ण प्रज्ञावान, पूर्ण बलवान होकर रह सकते हो। देवत्व और ऋषित्व को पा सकते हो, यह वेद का उद्घोष है।

परियोजना से भक्तों को मिलेगी सुविधाएं

आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आदि हरकी पैड़ी पर विकास परियोजना के पूर्ण होने और सौंपने के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि श्री गंगा सभा और आर्ट आफ लिविंग के साथ मिलकर एक सफल परियोजना को पूर्ण किया गया है।

अक्टूबर 2020 में शुरू हुई परियोजना अप्रैल 2021 में पूरी हुई और इसके पूरा होने के बाद इसे आर्ट आफ लिविंग और गंगा सभा को सौंप दिया गया, जिससे तीर्थयात्रियों और भक्तों को सुविधाएं मिलना और निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करना जारी रखा जा सके।

आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि आर्ट आफ लिविंग का मूल सिद्धांत अपने भीतर शांति खोजना और हमारे समाज में विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, धर्मों, राष्ट्रीयताओं के व्यक्तियों को एकजुट करना है। यह सहयोग भक्तों और तीर्थ यात्रियों को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव प्रदान करेगा। इस अवसर पर श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।

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