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इमरान ने पाकिस्तान को संवैधानिक संकट में धकेला, अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर

इस्लामाबाद। क्रिकेट के मैदान में आखिरी गेंद तक लड़ने का दम भरने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सियासी लड़ाई को बीच मैदान से ही छोड़कर भाग गए हैं। अपनी सरकार को बचाने के सभी रास्ते बंद होते देख और विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए इमरान ने संसद भंग करने की सिफारिश कर पाकिस्तान को संवैधानिक संकट में भी धकेल दिया है।

इमरान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद भंग कर तीन महीने में चुनाव कराने को कहा है। परंतु, अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं, जहां विपक्ष ने सरकार के फैसले को चुनौती दी है, जहां सोमवार को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर से उठाए गए सभी कदम और कार्रवाई उसके आदेशों के अधीन हैं।

नेशनल असेंबली में रविवार को इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था। इसमें इमरान खान की पराजय तय थी, क्योंकि 342 सदस्यीय संसद में उनके पास बहुमत नहीं रह गया था। उनकी अपनी पार्टी के कई सदस्य उनके खिलाफ हो गए थे। परंतु, क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय इमरान ने ऐसा यार्कर डाला कि विपक्ष कुछ समझ नहीं पाया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को पंजाब प्रांत के गवर्नर चौधरी सरवर को बर्खास्त कर दिया और उमर सरफराज को नया गवर्नर नियुक्त किया। बाद में सरवर ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उनके पास इमरान खान से जुड़ी कई गोपनीय सूचनाएं हैं, लेकिन उन्हें इसे सार्वजनिक करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

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